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हिमाचल से दुखद खबर: आजाद भारत के पहले वोटर का निधन, मगर जाते-जाते भी विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाल गए श्याम सरन नेगी

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Independent India First Voter Shyam Saran Negi Died : आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी (Shyam Saran Negi Death) का निधन हो गया है| करीब 106 वर्ष की आयु में नेगी की सांसें हमेशा-हमेशा के लिए थम गईं| श्याम सरन नेगी हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर जिले के कल्पा से संबंध रखते थे| नेगी की अंतिम विदाई सम्मानपूर्वक की जाएगी| स्थानीय प्रशासन राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है| हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने भी श्याम सरन नेगी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है|
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दुःख जताते हुए कहा- ''स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी जी के निधन का दुखद समाचार मिला। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति दें। मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं| स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी को हमेशा याद किया जाएगा| उनकी याद हमेशा भावुक करेगी| जयराम ठाकुर ने कहा कि नेगी जी एक प्रेरणा थे| उन्होंने जिंदगी के आखिरी सफर में भी अपना कर्तव्य निभाया और आखिरी बार 2 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला| उन्होंने 34वीं बार यह वोटिंग की थी|
दरअसल, वैसे तो हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटों के लिए एक ही चरण में 12 नवंबर को वोटिंग होनी है लेकिन इससे पहले 80 साल से ज्यादा उम्र और दिव्यांग वोटर्स की सुविधा के लिए पोस्टल वोट की सुविधा रखी गई है| जहां ऐसे में 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी अपना आखिरी वोट 2 नवंबर को डाल गए|

1951 में डाला था पहला वोट, टीचर थे श्याम सरन नेगी

आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी की चर्चा कोई कम नहीं थी| उन्हें वोटर लीजेंड भी कहा जाता था| क्योंकि श्याम सरन नेगी की जिंदगी में ऐसा कोई मौका नहीं आया जब वह वोट डालने से चूके हों| कोई भी परिस्थिति रही लेकिन श्याम सरन नेगी ने वोट जरूर डाला है| श्याम सरन नेगी ने 1947 में भारत के आजाद होने के बाद 1951 में पहली बार पहले वोटर के रूप में वोटिंग की थी| बताते हैं कि, श्याम सरन नेगी एक ऐसे व्यक्ति थे जिनमें वोटिंग को लेकर बड़ा उत्साह रहता था| आजाद भारत का पहला वोटर बनने की कहानी भी उनकी उत्सुकता व वोटिंग के प्रति उनकी लगन से ही जुड़ी हुई है| आजाद भारत के पहले वोटर होने के अलावा श्याम सरन नेगी एक टीचर भी थे|